sangya ke vikar ling, vachan aur karak
संज्ञा के विकार -लिंग, वचन, कारक -sangya ke vikar ling, vachan, karak - part (i)
संज्ञा एक विकारी शब्द है, इनका प्रयोग करते समय इनके रूपों में प्रायः लिंग, वचन, और कारक के कारण परिवर्तन होता है; जैसे-लड़का सो रहा है। लड़की सो रही है। लड़के खेल रहे रहे हैं। लड़कियां खेल रही हैं।
लड़कों ने गीत गए। लड़कियों ने गीत गाये।
उपरिलिखित उदाहरणों में पहले वाक्य में लिंग के कारण, दूसरे वाक्य में वचन के कारण, तथा तीसरे वाक्य में कारक के कारण परिवर्तन हुआ है। इस प्रकार भाषा के शुद्ध प्रयोग के लिए लिंग, वचन और कारक का ज्ञान होना आवश्यक है।
लिंग
लिंग संज्ञा में स्त्री या पुरूष का सूचक होता है। हिंदी में सभी शब्द या तो स्त्रीलिंग होते हैं या पुल्लिंग।' संज्ञा शब्द के जिस रूप से पुरूष या स्त्री जाति का बोध होता है, उसे लिंग कहते हैं' ।
लिंग के भेद :- हिंदी में लिंग के दो भेद होते हैं -
1. पुल्लिंग :- वे शब्द जो पुरूष-जाति का बोध कराते हैं, उन्हें पुल्लिंग कहते हैं; जैसे-लड़का, मोर, बैल, धोबी, पिता आदि।
2. स्त्रीलिंग :- वे शब्द जो स्त्री-जाति का बोध कराते हैं, उन्हें स्त्रीलिंग कहते हैं; जैसे- लड़की, मोरनी, गाय, धोबिन, माता आदि।
प्राणिवाचक संज्ञाओं के लिंग की पहचान
प्राणिवाचक संज्ञाओं में लिंग की पहचान शारीरिक संरचना से हो जाती है; जैसे- लड़का, आदमी, शेर, चीता, कौआ, घोड़ा, गधा आदि की शारीरिक संरचना से इनके पुल्लिंग होने का बोध होता है। चिड़िया, गाय, स्त्री, लड़की, घोड़ी, गधी, मछली आदि की शारीरिक संरचना से इनके स्त्रीलिंग होने का बोध होता है।- सदा पुल्लिंग शब्द- प्राणिवाचक संज्ञाओं में कुछ शब्द सदैव पुल्लिंग होते हैं, जैसे- भेड़िया, चीता, कौआ, खरगोश, खटमल, उल्लू, पशु, तोता,बिच्छू, मच्छर, गरुण, गैड़ा आदि।
- नित्य स्त्रीलिंग शब्द- प्राणिवाचक संज्ञाओं में कुछ शब्द सदैव स्त्रीलिंग होते हैं, जैसे- चील, बत्तख, बटेर, मक्खी, कोयल, लोमड़ी, गिलहरी, छिपकली, मछली आदि।
- कुछ संज्ञा शब्दों में स्त्रीलिंग-पुल्लिंग का भेद नहीं माना जाता। ऐसे शब्द दोनों लिंगो में एकरूप होते हैं; जैसे-मंत्री, डाक्टर, राष्ट्रपति, मैनेजर इत्यादि।
अप्राणिवाचक संज्ञाओं के लिंग की पहचान
(क) सदा पुल्लिंग रहने वाले शब्द -
- दिनों के नाम - सोमवार, मंगलवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार।
- महीनों के नाम - चैत्र, बैशाख, ज्येष्ठ, श्रावण, भाद्रपद आदि। (अपवाद- जनवरी, जुलाई)
- फलों के नाम - संतरा, केला, आम, अमरुद, जामुन, तरबूज आदि । ( अपवाद- लीची)
- वृक्षों के नाम - अशोक, आम, बरगद, अमरुद, जामुन, नीम आदि। (अपवाद- इमली)
- देशों के नाम - भारत, फ्रांस, नेपाल, ईरान, वियतनाम, मलेशिया,ऑस्ट्रेलिया आदि ।
- पर्वतों के नाम - हिमालय, कैलाश, अरावली, विंध्यांचल आदि।
- ग्रहों के नाम - सूर्य, मंगल, राहु, केतु, शनि, शुक्र आदि
- रत्नों के नाम - हीरा, पुखराज, पन्ना, मोती, लहसुनिआ, शंख आदि।
- शरीर के अंगों के नाम - सिर, माथा, नाक, कान, गला, मुँह, हाथ, पैर, पेट आदि।
(ख) कुछ प्रत्ययों वाले शब्द पुल्लिंग होते हैं -
एरा- लुटेरा, ममेरा वान- रूपवान, धनवान वाला- दूधवाला, सब्जीवाला आपा-बुढ़ापा, मोटापा त्व- स्त्रीत्व, गुरुत्व दान- पानदान, फूलदान आ- भूखा, बूढ़ा आर- लुहार, सुनार शील- सुशील, अध्ययनशील आव- लगाव, चुनाव खाना- डाकखाना, दवाखाना ना- आना, जाना
(ग) अकारान्त तथा आकारांत शब्द पुल्लिंग होते हैं। जैसे- कपड़ा, वन, घड़ा आदि.
(घ) 'त्र' अंत होने वाले तत्सम शब्द पुल्लिंग होते हैं। जैसे- अस्त्र, नेत्र, चरित्र।
(क) सदा स्त्रीलिंग रहने वाले शब्द -
- भाषाओँ के नाम - हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, मराठी, पंजाबी, जापानी, चीनी इत्यादि।
- झीलों के नाम - नैनी, डल, मानसरोवर, सांभर, चिल्का, बूलर आदि।
- नदियों के नाम - रावी, व्यास, गंगा, यमुना, गोदावरी, कृष्णा, चिनाब, सतलुज आदि।
- तिथियों के नाम - प्रथमा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी आदि।
- वर्तनों के नाम - थाली, कटोरी, प्लेट, चम्मच, कड़ाही आदि।
- लिपियों के नाम - देवनागरी, गुरुमुखी, रोमन आदि।
- आभूषणों के नाम - माला, अंगूठी, चूड़ी, बाली आदि।
- शरीर के अंगों के नाम - आँख, कान, नाक, गर्दन, छाती, बाँह, अंगुली आदि।
(ख) आकारांत, उकारांत और इकारांत तत्सम संज्ञाएँ स्त्रीलिंग होती हैं -
- आकारांत - हिंसा, घृणा, कृपा, दया आदि।
- उकारांत - वायु, धातु, आयु, मृत्यु आदि।
- इकारांत - शांति, अग्नि, ,जाति, रीति आदि।
(ग) निम्नलिखित प्रत्ययों वाले शब्द स्त्रीलिंग होते हैं -
- आवट - मिलावट, बनावट, सजावट, थकावट आदि।
- आहट - गरमाहट, मुस्कुराहट, घबराहट आदि।
- ता - महानता, लघुता, मधुरता, सरलता आदि।
- आस - प्यास, भड़ास, खटास, मिठास आदि।
- इया - डिबिया, गुड़िया, कुटिया, चुहिया आदि।
- आई - भलाई, बुराई, चढ़ाई, लिखाई आदि।
- इमा - महिमा, प्रतिमा, गरिमा, लालिमा आदि।
- ई - गरीबी, आबादी, गर्मी, मजदूरी आदि।
लिंग परिवर्तन
1. अंत में आये 'अ' और 'आ' के स्थान पर 'ई' लगाकर -
पुल्लिंग स्त्रीलिंग पुल्लिंग स्त्रीलिंग देव देवी नाना नानी पहाड़ पहाड़ी भतीजा भतीजी पुत्र पुत्री मामा मामी हिरन हिरणी जूता जूती जीजा जीजा दादा दादी
2. अंत में आये 'अ' और 'आ' के स्थान पर 'इया' लगाकर -
पुल्लिंग स्त्रीलिंग पुल्लिंग स्त्रीलिंग मुन्ना मुनिया चूहा चुहिया बछड़ा बछिया डिब्बा डिबिया बेटा बिटिया चिड़ा चिड़िया लोटा लुटिया गुड्डा गुड़िया
3. अंत में आये 'अ', 'आ' और 'ई' के स्थान पर 'इन' लगाकर -
पुल्लिंग स्त्रीलिंग पुल्लिंग स्त्रीलिंग ग्वाला गवालिन कुम्हार कुम्हारिन सुनार सुनारिन सपेरा सपेरिन माली मालिन तेली तेलिन नाई नाइन पडोसी पड़ोसिन
4. अंत में आये 'अ', 'आ', 'ऊ' और 'ऐ' पर 'आइन' लगाकर -
पुल्लिंग स्त्रीलिंग पुल्लिंग स्त्रीलिंग बाबू बबुआइन चौबे चौबाइन दूबे दुबाइन लाला ललाइन ठाकुर ठकुराइन पंडित पंडिताइन
5. अंत में 'नी' लगाकर -
पुल्लिंग स्त्रीलिंग पुल्लिंग स्त्रीलिंग हंस हंसिनी मजदूर मजदूरनी रीछ रीछनी सिंह सिंहनी मोर मोरनी जाट जाटनी
6. अंत में 'आ' लगाकर -
पुल्लिंग स्त्रीलिंग पुल्लिंग स्त्रीलिंग पूज्य पूज्या अध्यापक अध्यापिका अध्यक्ष अध्यक्षा सुत सुता शिष्य शिष्या प्रिय प्रिया आचार्य आचार्या वृद्ध वृद्धा
7. अंत में 'आनी-आणी' लगाकर -
पुल्लिंग स्त्रीलिंग पुल्लिंग स्त्रीलिंग इन्द्र इन्द्राणी राजपूत राजपूतानी क्षत्रिय क्षत्राणी जेठ जेठानी नौकर नौकरानी ब्रम्हा ब्रम्हाणी
8. अंत में 'अक' के स्थान पर 'इका' लगाकर -
पुल्लिंग स्त्रीलिंग पुल्लिंग स्त्रीलिंग प्रेक्षक प्रेक्षिका संचालक संचालिका संपादक सम्पादिका याचक याचिका नाटक नाटिका अध्यापक अध्यापिका पुस्तक पुस्तिका बालक बालिका
9. अंत में आये 'वान' के स्थान पर 'वती' तथा 'मान' के 'मती' लगाकर -
पुल्लिंग स्त्रीलिंग पुल्लिंग स्त्रीलिंग आयुष्मान आयुष्मती भाग्यवान भाग्यवती श्रीमान श्रीमती भगवान भगवती धनवान धनवती शक्तिमान शक्तिमती गुणवान गुणवती पुत्रवान पुत्रवती
10. अंत में आये 'अ' और 'ई' के स्थान पर 'इनी/इणी' लगाकर -
पुल्लिंग स्त्रीलिंग पुल्लिंग स्त्रीलिंग तपस्वी तपस्विनी सर्प सर्पिणी तेजस्वी तेजस्विनी मनोहारी मनोहारिणी हाथी हथिनी स्वामी स्वामिनी हंस हंसिनी प्रार्थी प्रार्थिनी
11 . अंत में आये 'ता' के स्थान पर 'त्री' लगाकर -
पुल्लिंग स्त्रीलिंग पुल्लिंग स्त्रीलिंग कर्ता कर्त्री रचयिता रचयित्री निर्माता निर्मात्री नेता नेत्री ज्ञाता ज्ञात्री दाता दात्री
12. अन्य शब्द-इनका स्त्रीलिंग रूप भिन्न हो जाता है -
पुल्लिंग स्त्रीलिंग पुल्लिंग स्त्रीलिंग बैल गाय राजा रानी नर नारी पति पत्नी कवि कवियित्री विधुर विधुर भाई भाभी वीर वीरांगना युवक युवती सम्राट साम्राज्ञी ससुर सास साधु साध्वी बादशाह बेगम पुरुष स्त्री
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